window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); श्रद्धापूर्वक मनाई गई कतक महीने की संग्राद | T-Bharat
September 25, 2024

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श्रद्धापूर्वक मनाई गई कतक महीने की संग्राद

देहरादून। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार देहरादून के तत्वावधान में कतक महीने की संग्राद कथा-कीर्तन के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। प्रातः नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई कँवरपाल सिंह ने आसा दी वार का शब्द कतक कर्म कमावने दोष न काहू जोग, परमेश्वर ते भूलिया व्यापन सभे रोग का गायन किया एवं गुप्त प्रेमी द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गये।
हेड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने महीने की कथा करते हुए कहा कि श्री गुरु अर्जन देव जी समझाते हैं कि कतक के महीने में इन्सान जो कर्म बीजता है वो उसको आप भोगना पड़ता है, जो जीव परमात्मा को भूल जातें हैँ उनको हर प्रकार के रोग लग जातें हैँ एवं परमात्मा से बेमुख होकर कई जन्मों के बिछोड़े सहने पड़ते हैं। भाई कँवरपाल सिंह ने शब्द तेरा थान सुहावा रूप सुहावा, तेरे भगत सोहे हरद्वारे एवं कर कीरपा अपना दरश दीजे, जस गावो निस हर भोर का गायन कर संगत को निहाल किया स कार्यक्रम के पश्चात संगत ने लंगर प्रशाद ग्रहण किया। इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह चन्नी, सुरजीत सिंह, मंजीत सिंह, सतनाम सिंह, दविंदर सिंह भशीन राजिंदर सिंह राजा, दविंदर सिंह सहदेव, जसवंत सिंह स्पल, विजयपाल सिंह, सेवा सिंह मठारु आदि उपस्थित थे।

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