देहरादून। घृत-बाहती-चाहंग जाति को केंद्रीय ओबीसी की सूची में शामिल करने के संबंध में राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा। यह बात उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में राज्य के समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास द्वारा डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला के तारांकित प्रश्न के जवाब में कही गई।
डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला का कहना था कि घृत-बहाती-चाहंग जाति उत्तराखंड में 9 नवंबर 2003 को अन्य पिछड़ा वर्ग में सम्मिलित की गई थी, लेकिन केंद्रीय पिछड़ा वर्ग में इसे सम्मिलित नहीं किया गया है। जबकि यह जाति हिमाचल, दिल्ली, पंजाब में अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में सम्मिलित है। श्री गैरोला ने समाज कल्याण मंत्री से अपने तारांकित प्रश्न में पूछा कि उत्तराखंड में रहने वाली घृत-बहाती-चाहंग जाति को केंद्रीय सूची में सम्मिलित करने के लिए सरकार द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है। इसके जवाब में समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि घृत-बहाती-चाहंग जाति को केंद्रीय ओबीसी की सूची में सम्मिलित किए जाने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग से 20 अप्रैल 2022 को अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी यह केंद्रीय ओबीसी की सूची में शामिल नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत से पुनः अनुरोध किया जाएगा।
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