window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); आईएएस रामविलास यादव के मामले में सरकार को 19 जुलाई तक कोर्ट में शपथपत्र पेश करने को कहा | T-Bharat
September 21, 2024

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आईएएस रामविलास यादव के मामले में सरकार को 19 जुलाई तक कोर्ट में शपथपत्र पेश करने को कहा

नैनीताल । हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में निलंबित और गिरफ्तार अपर सचिव समाज कल्याण विभाग रामविलास यादव की गिरफ्तारी पर रोक के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को 19 जुलाई तक कोर्ट में शपथपत्र पेश करने के लिए कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई कर रही वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ को बताया कि रामविलास यादव विजिलेंस जांच में सहयोग कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर याचिकाकर्ता बुधवार देर रात विजिलेंस के समक्ष पेश भी हुए लेकिन विजिलेंस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सरकार की ओर से कहा गया कि आईएएस यादव जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें जांच के लिए कई बार बुलाया गया लेकिन वह विजिलेंस के समक्ष पेश नहीं हुए। पेश होने पर विजिलेंस ने उनसे पूछताछ की लेकिन वे किसी भी प्रश्न का सही उत्तर नहीं दे सके। इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगाए गए हैं जो गलत हैं। जिस व्यक्ति ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है उसके खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। इस मामले में उनको अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं दिया गया। सरकार ने जो कमेटी गठित की थी उसे पक्ष रखने से पहले ही भंग कर दिया गया। आईएएस रामविलास यादव उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव थे। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित कर दिया गया था। वह लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं। उनके खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति ने आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
इसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की। विजिलेंस टीम ने उनके लखनऊ, देहरादून व गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा जिसमें संपत्ति से संबंधित कई अहम दस्तावेज मिले। जांच में आय से 500 गुना अधिक संपत्ति मिली। इसके आधार पर सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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